प्रेम के लिए एक दिन ही क्यूँ!
प्रेम तो सिर्फ प्रेम होता है ना कोई स्वार्थ ना ही कोई लालच, न ही पाने की खुशी न ही खोने का डर! प्रेम कोई लक्ष्य तो नहीं जिसे पाना एकदम से जरूरी हो प्रेम तो अविरल होता है, अनंत होता है, निस्वार्थ होता है। अगर आप प्रेम मे हैं तो फिर आपको…