उद्यमी नहीं, बिचौलिए या दलाल कहें
उद्यमी अपने संसाधनों से यूनिट लगाता है और उसमें से तयशुदा बिजली सरकार को कम दाम पर वंचित तबके के लिए देता है। बची बिजली वह मार्केट प्राइस पर बेचने को स्वतंत्र होता है। ये है अमेरिकन और यूरोप का पूंजीवाद, लेकिन अपने देश की सरकारें और बिचौलिए…